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Showing posts from December, 2023

अनुभव - एक शाश्वत भ्रम

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  गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥ नमस्ते ! पिछले लेख में आपने स्वयं को जाना इसी ज्ञान को आत्मज्ञान कहते है। आपने जाना की आप न मन है, न शरीर और न ही कोई और अनुभव आप वह निर्गुण अपरिवर्तनशील तत्व हैं जो सभी अनुभवों के पटल पर नित्य उपस्थित रहता है। आज के लेख से हम अनुभव को समझने का प्रयास करेंगे। आपके स्वयं के परे जो भी अस्तित्व में है उसे अनुभव कहते है, अर्थात जो भी प्रतीत हो रहा है उसे अनुभव कहेंगे। आज के लेख में हम अनुभव का मूलभूत अध्ययन करेंगे।  शुरू करने के लिए आप अपने आस पास के अनुभवों पर ध्यान दे और देखने का प्रयास करें की कितने प्रकार के अनुभव हैं। आपको कई प्रकार के अनुभव दिखेंगे जैसे आकाश, तारे, सूरज, बादल, पहार, नदी, मिट्टी, पेड़, सड़क, घर की दिवार, खाने के सामग्री, मेज़, आपका शरीर, शरीर में होने वाली संवेदना, भावना, विचार, इच्छाएं, स्मृति आदि होंगी। इन अनुभवों को आप निम्न तीन भागों में वर्गीकृत कर सकते हैं। जगत - जगत के अनुभव में आप आकाश, तारे, सूरज, बादल, पहार, नदी, मिट्टी, पेड़, सड़क, घर की दिवार, खाने के स...

आत्मज्ञान - वो मैं ही हूँ !

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    गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥ नमस्ते पिछले लेखों में हमने जाना की एक साधक क्यों अनुभवों को सत्य नहीं मानता है और क्यों वह अपने जीवन में सभी अनावश्यक बंधनों से दूर रहता है। हमने यह भी जाना की साधक के जीवन के सत्य के मानदंड बहुत ही उच्च और सरल होते हैं और यही मानदंड निरंतर साधकों का मार्गदर्शन करके उन्हें सत्य की खोज के लिए प्रेरित करता है। आज के लेख से हम सत्य को समझने का प्रयास करेंगे पहले आपको स्वयं का बोध कराया जाएगा इसे आत्मज्ञान कहते है , फिर आपके आस पास के अनुभवों को समझने का प्रयास किया जाएगा जिसे माया का ज्ञान कहते हैं और फिर आप में और माया में क्या संबंध है यह समझाया जायेगा इसे ब्रह्मज्ञान कहते हैं। आत्मज्ञान अगर आपसे पूछे जाये की आप कौन है तो शायद आपका उत्तर निम्न होगा : नाम - परन्तु अगर आपका नाम बदल दिया जाये तो क्या आप बदल जायेंगे, नाम केवल शब्द है जो आप नहीं हैं। इसी तरह से आप नाम, संबंध, उपाधि नहीं हैं।  शरीर - आप देखेंगे की, 99% मनुष्य खुद को शरीर समझते हैं, पर इस भ्रम को भी आप ...