Posts

Showing posts from September, 2023

अंधकूप पर साधक की अंतर्दृष्टि

Image
  गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥ नमस्ते, अगर आपने पहला ब्लॉग पढ़ा है और आपका जीवन को देखने का दृष्टिकोण थोड़ा भी बदला है तो शायद आप जीवन के बारे में और भी जानना चाहते है। आप शायद अध्यात्म को और भी गहराई से जानना चाहते है पर आप साधकों के विभिन्न रूपों को देख भ्रमित हो जाते हैं क्योंकि आपने देखा होगा कई साधक योग में लीन होते है तो कई देवी देवताओं की आराधना करते है वहीँ कई हिमालय में एकांत में साधु बन कर रहते हैं तो कई ध्यान में लीन है और कई समाज की सेवा कर रहे हैं ।  साधकों के इतने प्रकार को देख के भ्रमित होना स्वाभाविक है। आप शायद सामाजिक प्रश्नों से भी घिरे होंगे जैसे समाज उचित आदर्शों का पालन नहीं करता जिससे अधिक जीवों का भला हो सके और सभी मनुष्य पशुवृत्ति में लीन दिखाई पड़ते हैं और खुद को ही सर्वोपरि मानते हैं। आप शायद खुद के कर्मों को देख कर भी चकित होते होंगे की कैसे बाहरी कारण आपके कर्मों को आसानी से प्रभावित कर देती है।शुरुआती दिनो में सभी साधकों का इन प्रश्नों से सामना होता है। इन प्रश्नों के  साथ-साथ आ...

साधक की ज्ञान पिपासा

Image
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥ नमस्ते, आपने अनेक बार सुना होगा कई मनुष्य जीवन का सत्य जानना चाहते हैं और वो स्वयं को ढूंढ रहे हैं, वो अपने आस पास व्यक्त हो रहे जीवन का वास्तविक अर्थ और उनके स्वयं का जीवन से संबंध जानना चाहते हैं। ये मनुष्य दिखने में तो आपके और मेरे जैसे साधारण प्रतीत होते हैं पर क्या कारण है कि ये अन्वेषी प्रवृत्ति के मनुष्य जीवन के उन गूढ़ रहस्यों के प्रति आकर्षित हो जाते हैं जिसे एक साधारण मनुष्य संपूर्ण जीवन अनदेखा कर देता है या अनभिज्ञ रह जाता है। ये अन्वेषी प्रवृत्ति के व्यक्ति जो स्वयं और जीवन के सत्य को जानने का प्रयास करते हैं उन्हें साधक कहते है। इनमे और बाकी साधारण व्यक्तियों में केवल जीवन में घटने वाली घटनाओं का विश्लेषण करने की जिज्ञासा का अंतर होता है। साधक का स्वभाव एक छोटे बच्चे के समान होता है जो सभी घटनाओं से होने वाले अनुभव के सामने एक प्रश्नचिन्ह लगा देता है। आध्यात्मिक जीवन के शुरुआती दिनों में केवल मनन ही साधकों का सबसे बड़ा शस्त्र होता है। मनन के द्वारा ही साधक प्रश्नों के उत्तर ढूंढ...